टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) का रविवार को सड़क हादसे में निधन हो गया है. मुंबई के पास पालघर में यह सड़क हादसा (Road Accident) हुआ है. मिली जानकारी के अनुसार, हादसे के बाद साइरस मिस्त्री को हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. जानकारी के लिए बता दें कि मिस्त्री कई विवादों के चलते सुर्ख़ियों में रहे. साइरस बहुत ही शांत स्वभाव के माने जाते थे.लेकिन रतन टाटा (Ratan Tata) के साथ उनके विवाद (Cyrus Mistry Controversy)ने उन्हें एक अलग ही पहचान दी.

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1.साइरस मिस्त्री और रतन टाटा के बीच का विवाद

टीवी 9 भारतवर्ष न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2012 में रतन टाटा के बाद साइरस मिस्त्री को टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया था और साल 2016 में ही उन्हें पद से हटा दिया गया. इसके बाद दोनों के बीच विवाद का मामला सामने आने लगा और इसके साथ ही टाटा ग्रुप के साथ उनकी दूरियां और मनमुटाव चल रहे थे. लेकिन उन्हें पद से हटाने का निर्णय टाटा संस के बोर्ड ने ही लिया था. यह मामला कोर्ट तक भी जा पहुंचा था, जहां निर्णय रतन टाटा के पक्ष में आया. मिस्त्री फैमिली के एसपी ग्रुप पर बहुत ज्यादा कर्ज है. उसने टाटा संस के कुछ शेयरों को भी गिरवी रखा है.

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2.नोएडा एयरपोर्ट को लेकर भी रहा है विवाद

इसके अलावा साइरस मिस्त्री और रतन टाटा के बीच नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर भी बड़ा विवाद सामने आया था. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बनाने को लेकर दोनों ही कंपनिया होड़ में थीं. परन्तु लास्ट में इसका कार्य टाटा ग्रुप के हाथ लगा था.

3.बड़ा घराना, विवाद बड़ा

मिस्त्री और रतन टाटा के बीच ओडिशा के एक चंदा मामले को लेकर खटपट बढ़ गई थी. कुछ मीडिया में यह बात कही गई कि साइरस मिस्त्री के एक करीबी ने वर्ष 2014 में ओडिशा विधानसभा चुनाव के दौरान 10 करोड़ रुपये चंदा देने की सलाह दी थी. मिस्त्री पक्ष की राय ये थी कि ओडिशा में अधिक लोहा है जिसका लाभ लिया जा सकता है. लेकिन इस राय के खिलाफ रतन टाटा के बोर्ड ने अपनी बात रखी.

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4.टाटा-वेलस्पन डील का मामला

एक मामला और टाटा वेलस्पन डील का था. बताया जाता है कि साइरस मिस्त्री ने टाटा वेलस्पन डील की थी और इस बात की जानकारी टाटा संस के बोर्ड को नहीं दी गई. इसे टाटा सन्स बोर्ड ने कॉरपोरेट नियमों का उल्लंघन बताया. इसी वजह से रतन टाटा और साइरस मिस्त्री के बीच दूरियां बढ़ गईं.