Aquaponics Techniques Farming: पहले के समय में खेती (Farming)  करना बहुत मुश्किल होता था और मुनाफा भी कम होता था. लेकिन आज के समय में खेती को आसान और अधिक मुनाफा दिलाने वाली बनाने के लिए नई तकनीक आ गई है. जिनसे किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा होता है. नई तकनीकों की इस लिस्ट में एक्वापोनिक्स तकनीक (Aquaponics Techniques) का नाम भी शामिल है, जिसके द्वारा खेती को बढ़ावा दिए जाने की कोशिश की जा रही है. तो आइए जानते हैं कि क्या है एक्वापोनिक्स तकनीक और ये कैसे करती है काम.

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क्या है एक्वापोनिक्स तकनीक

इस खास तकनीक में खेती करने के लिए मिट्टी की जगह पानी की जरूरत होती है. एक्वापोनिक्स तकनीक में 2 टैंक बनाए जाते हैं, जिसमें से 1 टैंक में मछली पाली जाती हैं और दूसरे टैंक में फ्लोटिंग कीबोर्ड पर खेती की जाती है.

एक्वापोनिक्स तकनीक से किसानों को लाभ

एक्वापोनिक्स तकनीक से खेती करने पर किसानों को दोगुना लाभ होता है. इस तकनीक के माध्यम से दो टैंक बनाए जाते हैं और एक बार में दो प्रकार से लाभ मिलता है. दरअसल एक टैंक में मछलियां पाली जाती हैं और दूसरे टैंक में फ्लोटिंग कीबोर्ड पर सब्जियां उगाई जाती हैं. दोनों टैंक को एक दूसरे से एक पाइप के सहारे जोड़ा जाता है. इस तरह सब्जियों को उगाने और मछली पालन से दोगुना लाभ मिलता है.

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एक्वापोनिक्स तकनीक का तरीका

एक्वापोनिक्स तकनीक में सब्जी उगाने के लिए उसमें कोई खाद या कीटनाशक डालने की जरूरत नहीं पड़ती. क्योंकि यह खुद अपनी आवश्यकता के अनुसार अपना भोजन बना देती है. इस तकनीक में सबसे पहले पौधे को लगाने के लिए छोटे ट्रे में पौधा तैयार करना पड़ता है और फिर उसे तैरते हुए फ्लोटिंग बोर्ड के ऊपर रख दिया जाता है. मछलियों वाले टैंक में उनके मल से पानी में अमोनिया में वृद्धि होती है. फिर इस टैंक के पानी को सब्जियों वाले टैंक में ट्रांसफर कर देते हैं.

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एक्वापोनिक्स तकनीक में पानी की होती है बचत

एक्वापोनिक्स तकनीक में खेती करने के लिए मिट्टी की तो जरूरत पड़ती ही नहीं है साथ में पानी की भी बचत होती है. इसलिए ये तकनीक बहुत किफायती है. दरअसल दूसरे टैंक में पौधे मिट्टी की जगह पानी के पोषक तत्वों को सोख लेते हैं और फिर उस पानी को वापिस मछली वाले टैंक में डाल दिया जाता है. ये प्रक्रिया कई बार रिपीट की जाती है और ये खेती करने में भी आसान होती है. इस खेती को करने में मौसम और बारिश की चिंता नहीं होती.