एक ओर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) का कहना है कि, देश में महंगाई अभी अच्छी स्थिती में हैं. हाल ही में उन्होंने संसद में महंगाई पर जवाब देते हुए कहा कि, हम अच्छी स्थिति में है. लेकिन दूसरी ओर आम लोगों पर महंगाई की बोझ लगातार बढ़ रही है. जहां खुदरा सामानों के रेट तेजी से बढ़ रहे हैं. वहीं, बैंकों की ओर से भी आम लोगों पर ब्याज का बोझ बढ़ रहा है. एक दिन पहले 5 अगस्त को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ये कहते हुए कि, महंगाई पर काबू पाने के लिए अब नरम रुख अख्तियार नहीं करेगी. महंगाई को काबू में लाने के लिये नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया है. इसका सीधा असर आम जनता पर पढ़नेवाला है क्योंकि, इससे कर्ज की मासिक किस्त बढ़ने के साथ बैंकों से लोन लेना महंगा होगा. जो अब दिखने भी लगा है. कई बड़े बैंकों ने लोन को महंगा भी कर दिया है.

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देश के बड़े प्राइवेट बैंक ICICI ने एक अधिसूचना में कहा कि, एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिग रेट यानी I-EBLR को आरबीआई के बढ़ाए हुए रेपो रेट के अनुरूप कर दिया गया है. बैंक ने कहा I-EBLR अब 9.10 प्रतिशत सालाना या मासिक कर दिया गया है. अब ये नई दर 5 अगस्त 2022 से प्रभावी हो गई है.

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वहीं, सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने एक्सटर्नल बेंचमार्क, रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को 7.90 फीसदी कर दिया है. बैंक ने बताया, बताया कि रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट को 7.40 फीसदी से बढ़ाकर 7.90 फीसदी कर दिया गया है. नई दरें 8 अगस्त 2022 से प्रभावी हो जाएंगी.

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बता दें, रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट बढ़ाते हुए भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में कहा, घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है. चार अगस्त, 2022 तक दक्षिण पश्चिम मानसूनी बारिश दीर्घावधि औसत से छह प्रतिशत अधिक है. खरीफ बुवाई गति पकड़ रही है. दास ने यह भी कहा कि निर्यात, वाहनों की बिक्री, ई-वे बिल जैसे महत्वपूर्ण आंकड़े तेजी का संकेत देते हैं. शहरी मांग मजबूत हो रही है, ग्रामीण मांग भी गति पकड़ रही है.

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इसके आधार पर आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है.

रिजर्व बैंक के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वृद्धि दर 16.2 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.1 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है.