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2 years ago .Varanasi, Uttar Pradesh, India

कौन हैं अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती? ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा करने पर अड़े

ज्ञानवापी मस्जिद में कथित तौर पर शिवलिंग मिलने के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती वहां पूजा करने के लिए अड़ गए हैं.

Written by:Kaushik
Published: June 04, 2022 08:27:44 Varanasi, Uttar Pradesh, India

वाराणसी का ज्ञानवापी परिसर मंदिर है या मस्जिद? अभी इस मामले में कोर्ट का फैसला आना बाकी है. इस बीच साधु संतों के ऐलान ने प्रशासन की परेशानी बढ़ा दी है. ज्ञानवापी मस्जिद में कथित तौर पर शिवलिंग मिलने के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती वहां पूजा करने के लिए अड़ गए हैं.

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आपको जानकारी के लिए बता दें कि परिसर में मिली आकृति को शिवलिंग मानते हुए उस पर जल चढ़ाने की घोषणा के बाद मामला अब गर्मा गया है. शनिवार को अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को पुलिस ने उनके मठ में नजरबंद कर दिया है.

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आजतक के लेख के अनुसार, इसके बाद अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, ” पूजा उनका अधिकार है और जबतक वे ज्ञानवापी में पूजा नहीं कर लेते तो तबतक भोजन नहीं करेंगे. इसके बाद वे मठ के दरवाजे पर ही अनशन पर बैठ गए.

ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चर्चा में छाए हुए अविमुक्तेश्वरानंद इससे पहले भी सुर्ख़ियों में थे. हाल ही में मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में अविमुक्तेश्वरानंद श्रीराम मंदिर में साईं बाबा की प्रतिमा को देखकर भड़क गए थे. इस दौरान उन्होंने कहा, “श्रीराम के मंदिर में साईं का क्या काम.” उन्होंने कहा, “अगर आपको साईं की ही पूजा करनी है तो फिर राम और कृष्ण की क्या आवश्यकता है.” साथ ही उन्होंने कहा, “मंदिर से जबतक साईं की प्रतिमा नहीं हटाई जाएगी, मै मंदिर में एंट्री नहीं करूंगा. फिर इसके बाद साईं की प्रतिमा को हटा दिया गया था.

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कौन हैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद 

अविमुक्तेश्वरानंद का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में हुआ था. जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद हैं. अविमुक्तेश्वरानंद का मूलनाम उमाशंकर है. उन्होंने प्राथमिक शिक्षा प्रतापगढ़ में ही पूरी थी. इसके बाद वे गुजरात चले गए थे, जहां से इन्होंने संस्कृत की शिक्षा प्राप्त की. शिक्षा ग्रहण करने के बाद वह पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य के शरण में चले गए, और उनके शिष्य बन गए.

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