हिंदू धर्म (Hindu Religion) में हल्दी को बेहद शुभ माना जाता है. इसलिए हल्दी का प्रयोग (Use Of Turmeric) पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों (Worship and Religious Rituals) में भी किया जाता है. भारतीय परंपरा में विवाह के समय संपन्न की जाने वाली रस्मों में हल्दी की रस्म को बहुत ही महत्वपूर्ण रस्म माना जाता है. इसलिए विवाह में दूल्हा-दुल्हन (Groom Bride) को हल्दी जरूर लगाई जाती है. लेकिन क्या आपको पता है कि शादी में वर और वधू दोनों को हल्दी क्यों लगाई जाती है. आइए जानते हैं कि इसके पीछे क्या धार्मिक और वैज्ञानिक आधार हैं.

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क्या है हल्दी
लगाने का धार्मिक कारण

हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को समस्त सृष्टि के पालन हार माना
गया हैं. सभी शुभ कार्यों में भगवान विष्णु का पूजन अवश्य किया जाता है,और इनकी
पूजा में हल्दी के प्रयोग का विशेष महत्व माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार विवाह में पंचदेवों के
रूप में भगवान विष्णु का पूजन भी होता है, और इनकी पूजा हल्दी को सौभाग्य का
प्रतीक माना जाता है. इसलिए विवाह में दूल्हा और दुल्हन के अच्छे भविष्य की कामना
करते हुए हल्दी लगाई जाती है.

विवाह में
हल्दी लगाने का धार्मिक कारण
ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति को विवाह और वैवाहिक संबंधों का
कारक ग्रह माना गया है. इसलिए विवाह और सुखमय दांपत्य जीवन के लिए बृहस्पति का
अनुकूल होना आवश्यक होता है. हल्दी का सीधा संबंध गुरु ग्रह यानी बृहस्पति से माना
गया है. इसलिए धार्मिक शास्त्र के अनुसार, विवाह में दुल्हा-दुल्हन को हल्दी
लगाना बहुत शुभ माना जाता है.

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विवाह में
हल्दी लगाने का वैज्ञानिक आधार

हल्दी बहुत ही गुणकारी होती है,  इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुण पाए
जाते हैं. इसलिए हल्दी त्वचा को इंफेक्शन से बचाती है, साथ ही हल्दी लगाने से रंगत
में निखार आता है.  हल्दी में पाए जाने
वाले असीम गुणों के कारण ही भारतीय परंपरा में दुल्हा-दुल्हन के पूरे शरीर पर
हल्दी का उबटन लगाया जाता है. ताकी त्वचा को इंफेक्शन से बचाव के साथ ही रंगत में
भी निखार आ जाए.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.