24 अक्टूबर 2022 को दिवाली थी और उसके अगले दिन 25 अक्टूबर 2022, दिन मंगलवार यानी आज साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लग रहा है. सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल (Sutak Period) लग जाता है जो बजकर 29 मिनट से शुरू हो चुका है. भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण है जो शाम 4 बजकर 28 मिनट से शुरू होगा और 6 बजकर 9 मिनट तक  रहेगा. ग्रहण में कुछ भी खाने पीने की मनाही होती है. सूतक काल को अशुभ माना जाता है इसलिए इस दौरान घर में खाने-पीने की चीजों को सुरक्षित रखने के लिए तुलसी का पत्ता (Leaves of Tulsi) डाला जाता है. लेकिन ऐसा क्यों क्या जाता है? तो आइए जानते हैं इस क्यों का जवाब.

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सूतक काल को माना जाता है दूषित 

धार्मिक मान्यता है कि सूतक काल को दूषित काल माना जाता है. इस दौरान प्रकृति अत्याधिक संवेदनशील अवस्था में होती है. ऐसे में वातावरण में मौजूद चीजें नकारात्मक असर छोड़ती हैं. इसलिए कहा जाता है कि जिन चीजों में तुलसी का पत्ता पड़ जाता है उन चीजों पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता. तुलसी को धार्मिक रूप से दोषों का नाश करने वाला माना जाता है. इसके अलावा अगर हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करें तो तुलसी के पत्ते में पारा और ऐसे आर्सेनिक गुण मौजूद होते हैं, जो वातावरण में मौजूद नकारात्मक किरणों से चीजों को दूषित होने से बचाते हैं. यही वजह है कि सूतक काल और ग्रहण काल के नकारात्मक प्रभाव से बचाने के लिए खाने-पीने की चीजों में तुलसी का पत्ता डाला जाता है.

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कब डालना चाहिए तुलसी का पत्ता

पंडितों का कहना है कि हमेशा सूतक काल शुरू होने से पहले ही खाने-पीने की चीजों में तुलसी का पत्ता डाल देना चाहिए. साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि सभी सामान ढका हुआ हो. 25 अक्टूबर 2022 को लगने वाला सूर्य ग्रहण का सूतक काल सुबह 3 बजकर 29 मिनट से शुरू हो चुका है. इसलिए 24 अक्टूबर की रात को ही सभी खाने की चीजों में तुलसी का पत्ता रात में ही डाल देना चाहिए.

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ग्रहण वाले दिन न तोड़ें तुलसी

धार्मिक मान्यता है कि तुलसी को सूतक काल से पहले ही तोड़ कर रख लेना चाहिए. भूलकर नही सूतक काल व् ग्रहण काल के दौरान तुलसी के पत्ते न तोड़ें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)