Navratri 2022: 26 सितंबर से नवरात्रि (Navratri) का पावन पर्व आरंभ हो रहा है.नवरात्रि में हर घर में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है. सभी के घरों में बड़ा ही भक्तिमय वातावरण रहता है. मां दुर्गा (Maa Durga) को शक्ति का प्रतीक माना जाता है. नवरात्रि में मां के जिन स्वरूपों की पूजा की जाती है उन सभी स्वरूपों में मां अपने हाथों में अलग-अलग अस्त्र-शस्त्र धारण किए हुए रहती हैं. क्या आप जानते हैं कि इन सभी अस्त्र-शस्त्रों को किसने मां को दिया होगा, और इनका क्या महत्व है? आज हम आपको बताते हैं कि कौन से देवता ने मां को कौन सा अस्त्र दिया और उसका क्या महत्व है.

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1. त्रिशूल

मां दुर्गा को महिषासुर मर्दिनी के नाम से भी पुकारा जाता है. कहा जाता है कि देवी को भगवान शिव ने त्रिशूल भेंट किया था. इसी त्रिशूल से मां दुर्गा ने महिषासुर का अंत किया. त्रिशूल के तीन शुलों में तीन शक्तियां होती हैं- सत, रज, और तम.

2. भाला

मां दुर्गा को अग्नि देव ने भाला उपहार स्वरूप भेंट किया था. देवताओं को असुरों के आतंक से बचाने के लिए मां दुर्गा ने इसी अस्त्र का उपयोग किया था. भाले को उग्र शक्ति और शुभता का प्रतीक माना जाता है.

3. चक्र

आपने भगवान विष्णु के हाथों में चक्र देखा होगा, श्रीहरि विष्णु ने अपना चक्र मां दुर्गा को दिया था. चक्र को दूरदर्शिता और दृढ संकप का प्रतीक माना जाता है. मां दुर्गा की तर्जनी उंगली पर घूमता हुआ चक्र इस बात को बताता है कि पूरी दुनिया उनके अधीन है.

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4. धनुष-बाण

मार्कण्डेय पुराण के मुताबिक मां दुर्गा के हाथ में विद्यमान धनुष-बाण उन्हें पवन देव और सूर्य देव ने भेंट किये थे. धनुष बाण को ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.

5. तलवार-फरसा

मां काली ने विकराल रूप धारण कर हाथ में तलवार-फरसा ले चंड-मुंड का संहार किया था. इस युद्ध में मां ने अनेकों असुरों की बलि दी थी. मां को तलवार भगवान गणेश ने दी थी, तलवार की चमक ज्ञान का प्रतीक होती है. मां को फरसा विश्वकर्मा ने दिया था जो बुराई से लड़ने का प्रतीक माना जाता है.

6 शंख

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वरुण देव ने मां दुर्गा को शंख दिया था. शंख नाद से सभी असुर मूर्छित हो जाते थे. कहा जाता है कि देवी जब युद्ध भूमि में शंख नाद करती थी तो तीनों लोक कांप जाते थे. शंख ने नाद से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है.

7.वज्र

भगवान इंद्र ने मां को वज्र की शक्ति का उपहार भेंट किया था. शास्त्रों के अनुसार यह आत्मा की दृढ़ता, मजबूत इच्छा शक्ति का प्रतीक है.

8. घंटा

देवराज इंद्र ने मां दुर्गा को ऐरावत हाथी के गले से घंटा उतारकर भेंट किया था. कहा जाता है कि देवी ने घंटे के नाद से असुरों का विनाश किया था.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)