Vishwakarma Puja 2022 Samagri List: विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Jayanti 2022) 17 सितंबर दिन शनिवार को मनाई जाएगी. इस दिन सूर्य की कन्या संक्रांति भी है. इस त्यौहार में मशीन की पूजा (Puja) होती है और विश्वकर्मा भगवान की मूर्ति की स्थापना भी की जाती है. विश्वकर्मा जयंती पर लोग फैक्ट्रियों में औजारों और मशीनों की पूजा करते हैं. मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के अस्त्र पुष्पक विमान, स्वर्ग लोग और भवन का निर्माण किया था. शिल्पकार, बुनकर और औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोग विश्वकर्मा जयंती धूमधाम से मनाते हैं.

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विश्वकर्मा पूजा कब है 2022

भगवान विश्वकर्मा पहली बार कन्या संक्रांति (जब सूर्य कन्या राशि में चला जाता है) के दिन अस्तित्व में आए. इसलिए विश्वकर्मा पूजा की तारीख ग्रेगोरियन कैलेंडर में हर साल एक ही दिन पड़ती है. इस वर्ष भी श्रद्धालु 17 सितंबर शनिवार (Vishwakarma Puja 2022 date) को विश्वकर्मा जयंती मनाएंगे. पूजा का मुहूर्त सुबह 7:36 बजे (Vishwakarma Puja 2022 muhurt) है.

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विश्वकर्मा पूजा सामग्री (Vishwakarma Puja Samagri)

हल्दी, लौंग, मौली, लकड़ी की चौकी, सुपारी, रोली, पीला अष्टगंध चंदन,

मिट्‌टी का कलश, पीला कपड़ा, जनेऊ, इलायची, नवग्रह समिधा

धूपबत्ती, अक्षत, धूप,इत्र, सूखा गोला, जटा वाला नारियल, , फल, मिठाई

आम की लकड़ी, दही, फूल, बत्ती, कपूर, देसी घी, हवन कुण्ड

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विश्वकर्मा पूजा विधि

विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह जल्दी स्नान करके साफ कपड़े पहनें. फिर अपने कार्यस्‍थल पर चौकी पर नया पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. फिर मशीनों, औजारों, वाहनों की पूजा करें. इस दौरान भगवान विश्वकर्मा के मंत्रों का जाप करें. उन्‍हें हल्‍दी, अक्षत, फूल अर्पित करें. धूप-दीप दिखाएं. फल मिठाइयों का भोग लगाएं. आखिर में भगवान विश्वकर्मा की आरती करें. अंत में कर्मचारियों को प्रसाद बांटें.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.