कई बार हम घर में कहीं भी मंदिर बना देते हैं
और पूजा पाठ (Worship) करने लगते हैं और फिर कहते हैं कि हमें
मन माफिक फल नहीं मिल रहे हैं. घर में तरह तरह की भगवानों की मूर्तियां रख तो लेते
हैं, लेकिन उससे फायदा होगा या नुकसान इसका आकलन हम नहीं करते हैं. ऐसा इसलिए भी
होता है क्योंकि हमें मूर्तियों की स्थापना के लिए सही दिशा का ज्ञान नहीं होता है.
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra)  की माने
तो जब हम मूर्तियों को उचित दिशा में स्थापित करते हैं, तभी हमें उसके सकारात्मक
परिणाम मिल पाते हैं. आपको बता दें कि हर देवी देवता की स्थापना के लिए एक विशेष
दिशा का निर्धारण किया गया है. आज हम आपको बताने वाले हैं कि घर में भगवान गणेश और
माता लक्ष्मी की दिशा घर में क्या होनी चाहिए. जिससे घर में सकारात्मकता का संचार
हो. आइए जानते हैं.

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भगवान गणेश जी की मूर्ति के लिए उचित दिशा

जैसा कि हम सब जानते हैं कि किसी भी शुभ या
मांगलिक कार्य की शुरूआत करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. इसलिए अगर
शुभ कार्य करने से पहले ही गणेश जी की मूर्ति सही दिशा में स्थापित नहीं होगी, तो
शुभ फल भला कैसे मिलेगा. वास्तु की माने तो गणेश जी की मूर्ति को हमेशा उत्तर दिशा
में ही स्थापित करना चाहिए. वहीं आपको बता दें कि गणेश जी की सिंदूरी तस्वीर को
काफी शुभ माना गया है. इसीलिए आपको मूर्ति स्थापनी की दिशा और दशा को समझना आवश्यक
है.

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लक्ष्मी जी की मूर्ति का उचित स्थान

कई बार देखा गया है कि जब भी लोग गणेश लक्ष्मी
की पूजा करते हैं, तो वह लोग भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के स्थान में बड़ी गलती
करते हैं. बल्कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी आपसे रुष्ठ हो सकती हैं और इसके परिणाम
स्वरूप आपको काफी नुकसान देखने को मिल सकता है. इस लिए सदैव याद रखें मां लक्ष्मी
की मूर्ति गणेश जी की प्रतिमा के दाईं ओर स्थापित करना चाहिए. ऐसा करने पर आपको
अपनी पूजा पाठ के सकारात्मक रिजल्ट्स मिलेंगे.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Opoyi इसकी पुष्टि नहीं करता है.)