Sheetla Ashtami Do’s And Don’ts In Hindi: हिंदू धर्म में शीतला अष्टमी का विशेष महत्व माना गया है. मान्यतानुसार इस दिन महिलाएं अपनी संतान के स्वास्थ्य के लिए माता शीतला (Sheetala Mata) का व्रत रखती हैं और माता शीतला की पूजा करती हैं. इस साल 14 मार्च के दिन शीतला अष्टमी का व्रत रखा जाएगा. माना जाता है कि माता शीतला चेचक जैसे रोगों से बच्चों की रक्षा करती हैं. गौरतलब है कि इस दिन को बसौड़ा (Basoda) के नाम से भी जानते हैं, क्योंकि माता शीतला की पूजा में बसौड़ा अर्थात् बासी भोजन का भोग लगाया जाता है. शीतला अष्टमी Sheetla Ashtami Do’s And Don’ts के दिन कुछ चीजें करना काफी शुभ होता है और कुछ चीजों को करने की मनाही होती है, तो चलिए जानते हैं कि इस दिन क्या करें और क्या न करें.

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शीतला अष्टमी के दिन इन चीजों को करना चाहिए –

1. शीतला अष्टमी के एक दिन पहले ही मीठे चावल तैयार कर लें और उसके बाद पूजा की सभी समाग्री तैयार कर लें, जिसमें मीठे चावलों के साथ हल्दी और चने की दाल जरुर शामिल होनी चाहिए.

2. इस दिन सुबह ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए और साफ वस्त्र धारण करके सूर्य निकलने के पहले ही होली जलने वाले स्थान पर पहुंचना चाहिए.

3. इसके बाद वहीं पर आटा गूंथकर दो आटें का दीपक बनाएं और उसमें घी की बाती डूबोकर लगाएं.

4. इन दीपक बिना जलाएं उस होली वाले स्थान पर रख दें और मीठे चावल, चने की दाल और हल्दी भी चढ़ाएं और उसके बाद जल भी चढ़ाएं.

5. इसके बाद मंदिर जाकर विधि विधान से माता शीतला की पूजा करनी चाहिए. सबसे पहले माता शीतला को हल्दी और रोली का तिलक लगाएं, फिर इसके बाद काजल, मेहंदी, लच्छा और वस्त्र अर्पित करने चाहिए.

6- इसके बाद आपको माता शीतला की कथा अवश्य पढ़नी या सुननी चाहिए.

7. कथा संपन्न होने के बाद आपको माता को मीठे चावलों का भोग लगाना चाहिए.

8. इसके बाद माता शीतला की आटें का दीपक जलाकर आरती उतारें।

9- मां शीतला का वाहन गधा है, ऐसे में आपको इस दिन गधे को कुछ खिलाना अवश्य चाहिए.

10- इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को वस्त्र और भोजन का दान भी शुभ माना गया है.

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शीतला अष्टमी के दिन भूलकर भी न करें ये काम –

1. इस दिन घर में ताजा भोजन बनाना अच्छा नहीं माना जाता है.
2. जिस घर में चेचक से कोई बीमार हो उसे यह व्रत नहीं धारण करना चाहिए.
3. इस दिन गर्म भोजन भूलकर भी नहीं करना  चाहिए.
4. शीतला सप्तमी और अष्टमी के दिन सिर नहीं धोना चाहिए.
5. इस दिन सिलाई नहीं करते हैं और न ही सुई में धागा पिरोना चाहिए.
6- इस दिन तामसिक भोजन के साथ साथ मांस मदिरा से दूर रहना चाहिए.
7- इस दिन भूलकर भी किसी जीव को कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए.
6. इस दिन किसी के भी मन  को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए, खासकर किसी बच्ची या फिर स्त्री को.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)