September 2023 Pradosh Vrat In Hindi: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत (September 2023 Pradosh Vrat) का खासा महत्व है. सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए इसे उत्तम माना गया है. मान्यतानुसार, प्रदोष व्रत के शुभ अवसर पर विधि विधान से भगवान शिव जी और माता पार्वती की पूजा करने से सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है. इस बार प्रदोष व्रत 12 सितंबर को पड़ रहा है. प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को समर्पित है. प्रदोष के दिन व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा पाठ कर के उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है व अपना कल्याण किया जा सकता है.
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सितंबर में कौन सा प्रदोष व्रत पड़ रहा है?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, प्रदोष व्रत का महत्व दिन के अनुसार होता है. उस दिन पड़ने वाले दिवस के नाम पर ही प्रदोष व्रत का नाम भी पड़ता है. आपको बता दें कि सितंबर का पहला प्रदोष व्रत मंगलवार को है और मंगल को भौम कहते हैं, इसलिए इसे भौम प्रदोष के नाम से जाना जाएगा.
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सितंबर प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
भौम प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 12 सितंबर को शाम 06 बजकर 30 मिनट से है. आप शिव आराधना रात 08 बजकर 49 मिनट तक कर सकते हैं. उसके बाद से पूजा मुहूर्त नहीं है. सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ शुभ मुहूर्त में पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूर्ण होती है.
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प्रदोष व्रत का महत्व
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत ही विशेष महत्व माना गया है. मान्यतानुसार, जो भी व्यक्ति इस व्रत को धारण करता है उसके दुख दर्द दूर होते हैं और कल्याण होता है. आपको बता दें कि जो व्यक्ति किसी रोग से पीड़ित है, उसे भौम प्रदोष व्रत के दिन शुभ मुहूर्त में शिव पूजा करनी चाहिए. यदि वह ऐसा करने में सक्षम नहीं है तो उसके परिवार का कोई अन्य सदस्य यह व्रत धारण कर सकता है. वह इस व्रत के पुण्य को रोगी को दे सकता है. भौम प्रदोष व्रत के फलस्वरूप रोगी का स्वास्थ्य शीघ्र ही ठीक हो जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)