भगवान शिव का दूसरा नाम मृत्युंजय भी है और जब किसी तरह के कर्मकांड या पूजा-आराध्यान से कष्टों का निवारण ना मिले तो ऐसे में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना अच्छा होता है. इससे सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन बहुत ही सुखमय बन जाता है. सावन का तीसरा सोमवार मृत्युंजय देव को समर्पित होता है क्योंकि शिवजी के साथ तीन की संख्या का विशेष महत्व बताया गया है. भक्त इस दिन महाकाल भगवान शिव के मंत्रों का जाप करते हैं और महामृत्युंजय जाप करके वे सिद्धि भी प्राप्त कर सकते हैं.

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सावन में तीसरा सोमवार क्यों है खास?

सावन के तीसरे सोमवार को नीलकंठ महादेव, भूतेश्वर महादेव, पातालेश्वर महादेव, भूतनाथ महादेव, पशुपतिनाथ मंदिर, एकादश रुद्र मंदिर, हर्ष पहाड़ी स्थित शिव मंदिर जैसे मंदिरों में पूजा का विशेष महत्व है. ऐसा कहा जाता है कि सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवनसाथी भी मिलता है. अगर किसी के विवाह में देरी भी हो रही है तो सावन के तीसरे सोमवार में विशेष उपाय करके शीघ्र ही विवाह हो सकता है.

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अगर आपके विवाह में देरी हो रही है तो आपको सावन के तीसरे सोमवार के दिन शिव पूजा आमतौर पर ही करना चाहिए लेकिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हुए महामृत्युंजय का जाप करें या फिर शिव स्त्रोत पढ़ें. जिन जातकों के विवाह में देरी हो रही है उन्हें सावन के सोमवार या अन्य सोमवार वाले दिन भी शिवलिंग पर केसर मिश्रित जल अर्पित करना चाहिए. इससे भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं और जातकों का विवाह जल्दी हो जाता है.

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अगर किसी का कोई काम नहीं बन रहा है या आर्थिक रूप से परेशान है तो भगवान शंकर के शिवलिंग के सामने कम से कम 108 बार ओम नम: शिवाय का जाप हर दिन करें और साथ ही मेहनत करना बिल्कुल नहीं छोड़ें फिर निश्चिततौर पर सफलता मिलेगी. इस जाप से सारे कष्ट दूर होते हैं और इंसान शिव भक्ति में चूर रहता है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.