Amavasya ka shradh kaise kare: सर्वपितृ अमावस्या इस बार 25 सितंबर को है. तर्पण और श्राद्ध से तृप्त होकर पूर्वज अपार सुख और संपन्नता का आशार्वाद देते हैं. हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष (Shradh Paksh) या पितृ पक्ष (Pitru Paksh) का बहुत महत्व माना जाता है. 16 दिनों तक चलने वाले ये पितृ पक्ष भाद्रपद की पूर्णिमा से शुरू हो जाते हैं और आश्विन पक्ष के सर्वपितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya) को समाप्त होते हैं.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस दिन को महालय विसर्जन और सर्व पितृजनी अमावस्या कहा जाता है. शास्त्रों के मुताबिक, सर्वपितृ अमावस्या के दिन कुछ खास काम अवश्य करना चाहिए. मान्यता है कि इससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है और पितरों के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इस लेख में हम आपको बताएंगे सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों की विदाई कैसे करें.

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सर्वपितृ अमावस्या पर कैसे करें पितरों की विदाई

1.ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इस दिन आप पीपल के पेड़ की पूजा करें. ऐसा माना जाता है कि पीपल के पेड़ पर पितरों का वास होता है. इसी वजह से सर्वपितृ अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक अवश्य जलाएं. मान्यता है कि ये काम करने से पितर प्रसन्न होंगे और आपको खुशहाली का आशीर्वाद देंगे.

2.अगर आप किसी वजह से पितृपक्ष में तर्पण नहीं कर पाएं हैं. तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन तर्पण अवश्य करें. हिन्दू मान्यता के मुताबिक, ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होकर जीवन में सफलता का आशीर्वाद देते हैं.

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3.सर्वपितृ अमावस्या के दिन आप किसी पवित्र नदी, कुंड या फिर जलाशय में स्नान करें. अगर आप ये सब नहीं कर पाते हैं. तो नहाते समय पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिला लें. नहाने के बाद सूर्य देव को जल दें. फिर इसके बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें. इस दिन चांदी का दान करना बहुत शुभ माना जाता है.

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4.सर्वपितृ अमावस्या के दिन शाम को दीपक जलाकर दरवाजे पर पूड़ी और अन्य मिष्ठान रखें. मान्यता है कि पितृगण गलती से भी भूखे न जाएं. दिये की रोशनी में पितरों को जाने का मार्ग दिखाया जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)