Rama Ekadashi 2022: हिंदू पंचांग के मुताबिक, प्रत्येक वर्ष कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी पड़ती है जिसे रमा एकादशी के नाम से जानते हैं. दिवाली से पहले पड़ने की वजह से इस एकादशी का बहुत अधिक महत्व है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से सभी कष्टों से निजात मिलती है. इस बार रमा एकादशी का व्रत (Rama Ekadashi  Vrat) 21 अक्टूबर को रख जाएगा. ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने वाला इंसान मृत्यु के बाद विष्णु लोक में स्थान प्राप्त करता है.

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रमा एकादशी के दिन सुबह से ही शुक्ल योग की शुरुआत हो रही है. उसके बाद से ब्रह्म योग प्रारंभ हो जाएगा. ये दोनों ही योग पूजा-अर्चना के लिए शुभ माने गए है. रमा एकादशी व्रत की पूजा करने का शुभ मुहूर्त प्रात: 07 बजकर 50 मिनट से सुबह 09 बजकर 15 मिनट तक है.

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रमा एकादशी व्रत का महत्व

जिस समय जब युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से कार्तिक कृष्ण एकादशी व्रत के महात्म को बताने को कहा, तो तब कृष्ण ने कहा कि इस व्रत को रमा एकादशी के नाम से जानते हैं. कोई भी इंसान इस व्रत को करता है तो उसके पाप मिट जाते हैं और वह मृत्यु के बाद श्रीहरि के लोक में स्थान पाता है.

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रमा एकादशी व्रत की सावधानियां क्या-क्या हैं?

1. कोशिश करें कि आप रमा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और पूजा करें.

2. घर में प्याज, लहसुन और मांस मदिरा का सेवन न करें.

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3. एकादशी का व्रत करने के साथ-साथ आपको व्रत कथा जरूर पढ़नी चाहिए और कृष्णा जी की आरती भी जरूर करनी चाहिए.

4. एकादशी के व्रत में चावल का सेवन करने से मना किया जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)