Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष के 15 दिन पितरों को समर्पित होते हैं. इस दौरान श्राद्ध, दान और गरीबों को भोजन कराने से पितरों की आत्माएं प्रसन्न होती हैं. पितृ पक्ष के दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पितृ पक्ष भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से शुरू होता है और अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की स्थापना तिथि पर समाप्त होता है. हिंदू धर्म में पितृ पक्ष यानी श्राद्ध का विशेष महत्व है. पितृ पक्ष के दौरान पितरों को श्रद्धापूर्वक याद करने के लिए श्राद्ध कर्म किये जाते हैं. पितृ पक्ष के दौरान पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दौरान न केवल पितरों की मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाता है, बल्कि उनके प्रति सम्मान भी व्यक्त किया जाता है. आइए जानते हैं पितृ पक्ष की महत्वपूर्ण तिथियां और महत्व के बारे में.

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पितृ पक्ष 2023 श्राद्ध की मुख्य तिथियां

पूर्णिमा श्राद्ध- 29 सितंबर 2023
प्रतिपदा का श्राद्ध – 29 सितंबर 2023
द्वितीया श्राद्ध तिथि- 30 सितंबर 2023
तृतीया तिथि का श्राद्ध- 1 अक्टूबर 2023
चतुर्थी तिथि श्राद्ध- 2 अक्टूबर 2023
पंचमी तिथि श्राद्ध- 3 अक्टूबर 2023
षष्ठी तिथि का श्राद्ध- 4 अक्टूबर 2023
सप्तमी तिथि का श्राद्ध- 5 अक्टूबर 2023
अष्टमी तिथि का श्राद्ध- 6 अक्टूबर 2023
नवमी तिथि का श्राद्ध- 7 अक्टूबर 2023
दशमी तिथि का श्राद्ध- 8 अक्टूबर 2023
एकादशी तिथि का श्राद्ध- 9 अक्टूबर 2023
माघ तिथि का श्राद्ध- 10 अक्टूबर 2023
द्वादशी तिथि का श्राद्ध- 11 अक्टूबर 2023
त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध- 12 अक्टूबर 2023
चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध- 13 अक्टूबर 2023
सर्वपितृ मोक्ष श्राद्ध तिथि- 14 अक्टूबर 2023

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पितृ पक्ष के दौरान करें ये उपाय

शास्त्रों में ज्ञात होता है कि पितृ पक्ष के दौरान स्नान, दान और तर्पण आदि का विशेष महत्व होता है. इस दौरान श्राद्ध कर्म या पिंडदान आदि किसी जानकार व्यक्ति से ही कराना चाहिए. साथ ही किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को भोजन, धन या वस्त्र का दान करें. ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है. पितृ पक्ष में पितरों की मृत्यु तिथि के अनुसार श्राद्ध कर्म या पिंडदान किया जाता है. यदि किसी व्यक्ति को अपने पूर्वजों की मृत्यु की तिथि याद नहीं है तो वह आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन यह अनुष्ठान कर सकता है. ऐसा करने से भी पूर्ण फल प्राप्त होता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)