Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष का समय पितरों को पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है. इसलिए हिंदू धर्म में पितृ पक्ष के का अधिक महत्व है. पितृ पक्ष के दौरान अगर आप अपने पूर्वजों का विधि-विधान से श्राद्ध करते हैं तो उनकी आत्मा को शांति मिलती है. पितृ पक्ष के दौरान यदि आप अपने पितरों को पिंडदान, श्राद्ध या तर्पण करते हैं तो पितर प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. पितृ पक्ष के दिनों में कुछ चीजें वर्जित होती हैं, जिन्हें करने से वंशजों पर अशुभ प्रभाव पड़ता है. तो आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?
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पितृ पक्ष के दौरान न करें ये काम:
1. पितृ पक्ष का महीना पिंडदान के लिए सबसे शुभ माना जाता है, लेकिन कुछ ऐसे कार्य भी हैं जिन्हें पितृ पक्ष के दौरान वर्जित किया गया है. पितृ पक्ष के दौरान पूरे 15 दिनों तक पक्षियों को न मारें और न ही परेशान करें. मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान कौओं की सेवा करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
2. पितृ पक्ष के दौरान पूरे 15 दिनों तक घर में सात्विक वातावरण बनाए रखें. इसका मतलब यह है कि आप बिल्कुल भी मांस या शराब का सेवन ना करें. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके पूर्वज नाराज हो जाते हैं और इसका सीधा असर आपके वंशजों पर पड़ता है.
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3. पितृ पक्ष के दिनों में सिर्फ मांसाहारी भोजन ही नहीं बल्कि कुछ शाकाहारी भोजन भी वर्जित है जैसे खीरा, सरसों का साग, चना आदि, ये सभी नहीं खाना चाहिए. इसे अशुभ माना जाता है.
4. पितृ पक्ष के दौरान पूरे 15 दिनों तक घर में कोई भी शुभ कार्य जैसे गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ आदि न करें क्योंकि पितृ पक्ष के दौरान शोक का माहौल रहता है. इसलिए इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य करना शुभ नहीं होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)