Papmochani Ekadashi 2023: चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि में पापमोचिनी एकादशी मनाते हैं. इस साल पापमोचिनी एकादशी 18 मार्च को पड़ा है. साल 24 एकादशी होती है और सभी भगवान विष्णु को समर्पित रहती है. एकादशी का व्रत करना आसान भी है और कठिन भी है. आसान इसलिए भगवान विष्णु के ध्यान में रहकर ये व्रत प्रारंभ होकर कब समाप्ति की ओर आता है पता ही नहीं चलता और कठिन इसलिए क्योंकि इसमें बहुत सी चीजों को करने और कई चीजों को ना करने का विधान शास्त्रों में लिखा है. चलिए आपको बताते हैं पापमोचिनी एकादशी पर क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए.

यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2023: नवारत्रि पर लगाएं नौ देवियों को अलग-अलग भोग, मां दुर्गा होंगी प्रसन्न

पापमोचनी एकादशी पर क्या करें क्या नहीं? (Papmochani Ekadashi 2023)

एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए किया जाता है. हर एकादशी का मतलब अलग-अलग होता है. पापमोचिनी एकादशी का अर्थ है कि अगर आप व्रत करके विधिविधान से पूजा करते हैं तो आप अपने उन पापों से भी मुक्त हो जाएंगे जिन्हें आपने अनजाने में किया है. अगर संभव हो तो इिस दिन व्रत जरूर रखें और भगवान विष्णु की पूजा करें. यहां बताते हैं इस दिन क्या करें और क्या नहीं करें.

1. पापमोचनी एकादशी के दिन व्रत रखें और पूरी लगन के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें. अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो चावल या उससे बना कोई भी व्यंजन नहीं का सेवन नहीं करें.

2. एकादशी के दिन मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करें. बाहर का खाना नहीं खाएं और मांस का सेवन भी नहीं करें. वैसे सनातन धर्म में मांस-मदिरा का सेवन पाप के समान माना गया है.

3. धार्मिक मान्यतानुसार, इस दिन दान करने और जरुरतमंदों की सहायता करने का विशेष फल भगवान विष्णु देते हैं. इस दिन अपनी सामर्थ्य अनुसार दान-पुण्य के काम जरूर करें.

4. इस दिन किसी का बुरा ना सोचें, ना किसी की बुराई करें. किसी को भी अपशब्द नहीं बोलें क्योंकि किसी का दिल दुखाने से आप कितनी भी पूजा लगन से करेंगे सब नष्ट हो जाता है.

5. एकादशी के दिन भगवान विष्णु को जो कुछ भी भोग लगाएं उसमें तुलसी का पत्ता जरूर शामिल करें. वैसे भी आम दिनों में भी अगर आप विष्णु जी की पूजा में भोग लगाते हैं तो तुलसी का पत्ता लगाएं क्योंकि ये उन्हें अतिप्रिय है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)