सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी पर्व मनाया जाता है. इस दिन नाग देवता की पूजा का विधान है. इस साल नाम पंचमी पर्व 2 अगस्त 2022, मंगलवार को मनाया जाएगा. इस बार भगवान शिव के साथ माता पार्वती का आशीर्वाद पाने का योग भी बन रहा है. सावन के मंगलवार मां पार्वती को समर्पित होते हैं. शास्त्रों के अनुसार इस दिन नागों की पूजा करने से व्यक्ति को कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. लोग इस दिन सांप को दूध चढ़ाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे पीछे क्या कारण है? चलिए हम बताते हैं.

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क्यों है नाग या सांपों को दूध-लावा खिलाने की परंपरा

भविष्य पुराण में वर्णित है कि जो नाग पंचमी के दिन नाग पूजा करते हैं और सांपों को दूध-लावा देते हैं उनसे नाग देवता खुश हो जाते हैं और इससे उनके परिवार पर सर्पदंश का खतरा नहीं रहता. पुराण में वणित है कि महाराज जनमेजय ने एक बार नाग यज्ञ किया था जिसके कारण नागों का शरीर जल गया था तब आस्तिक मुनि ने उनके शरीर पर दूध डालकर उनकी रक्षा की थी. इसलिए इस दिन नागों को दूध चढ़ाया जाता है. साथ ही लावा भी दिया जाता है.

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देवताओं का आशीर्वाद मिलता है

शिव जी के गले का हार और विष्णु जी की शैय्या सांप हैं. इसलिए माना जाता है कि नाग की पूजा करने से शिव जी और विष्णु जी दोनों ही प्रसन्न होते है.

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ज्योतिष में भी दूध पिलाने की परंपरा का जिक्र

दूध चंद्रमा का प्रतीक माना गया है और भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा विराजमान है. चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. ज्योतिष में मान्यता है कि यदि मन को शिवजी के प्रति सर्पित करते हुए नाग पंचमी पर सांप को दूध पिलाया जाता है तो इससे नाग देवता, शिवजी, विष्णु जी और चंद्रमा भी प्रसन्न होते हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.