Mahalaxmi Vrat Katha In Hindi:  मां महालक्ष्मी की पूजा वर्ष में एक बार की जाती है. हिंदू धर्म में महालक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व माना गया है. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi vrat) शुरू होते हैं. धन की देवी मां लक्ष्‍मी (Maa Lakshmi) को समर्पित यह व्रत 16 दिन के होते हैं. इस साल यह व्रत 4 सितंबर 2022 से शुरू होंगे और अश्विन महीने के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी तिथि (17 सितंबर) तक रहने वाले हैं.

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मां लक्ष्‍मी की कृपा पाने के लिए ये 16 दिन एक अच्छा अवसर के रूप में देखे जा सकते हैं. महालक्ष्‍मी व्रत (Mahalakshmi vrat 2022) के शुभअवसर पर विधि-विधान से की गई पूजा के फलस्वरूप भक्तों को अपार धन वैभव की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि व्रत का फल जातक को तब प्राप्त होता है, जब वह व्रत में गज लक्ष्मी व्रत कथा को सुनता है. गज लक्ष्मी व्रत कथा (Mahalaxmi Vrat Katha)इस प्रकार है.

महालक्ष्मी व्रत कथा (Mahalakmi Vrat Katha in Hindi)

एक गरीब ब्राह्मण एक गांव में रहता था. वह रोजाना भगवान विष्णु की आराधना करता था. भगवान श्री विष्णु ने उसकी पूजा और भक्ति से प्रसन्न होकर ब्राह्मण से वर मांगने की बात कही. तब ब्राह्मण ने लक्ष्मी जी का निवास अपने घर में होने की इच्छा जाहिर की. लक्ष्मी जी की प्राप्ति का मार्ग भगवान विष्णु ने बताया. उन्होंने कहा कि मंदिर के सामने एक स्त्री आकर उपले थापती है. तुम उसे अपने घर आने का निमंत्रण देना. वही देवी लक्ष्मी हैं.

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विष्णु जी ने ब्राह्मण से कहा कि जिस वक्त मां लक्ष्मी के तुम्हारे घर आएंगी. तो तुम्हारा घर धन और धान्य से भर जाएगा. ये बात कहकर श्री विष्णु जी चले गए. दूसरे दिन वह सुबह ही वह मंदिर के सामने बैठ गया. जब लक्ष्मी जी उपले थापने के लिए आई तो ब्राह्मण ने उनसे अपने घर आने का निमंत्रण दिया. ब्राह्मण की ये बात सुनकर लक्ष्मी जी समझ गईं, कि ये सब विष्णु जी के कहने से हुआ है.

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लक्ष्मी जी ने ब्राह्मण से कहा कि मैं चलूंगी तुम्हारे घर परन्तु इसके लिए पहले तुम्हें महालक्ष्मी व्रत करना होगा. 16 दिनों तक व्रत करने और 16वें दिन रात्रि को चंद्रमा को जल देने से तुम्हारा मनोरथ पूरा होगा. ब्राह्मण ने देवी के कहे अनुसार व्रत और पूजन किया और देवी को उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके पुकारा. फिर इसके बाद लक्ष्मी ने अपने वचन को पूरा किया. मान्यता है कि उसी दिन से इस व्रत की परंपरा शुरू हुई थी.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.