हर साल कार्तिक अमावस्या कार्तिक मास के दुसरे पक्ष यानी कृष्ण पक्ष के 15वें दिन और महीने की 30वीं तिथि को मनाई जाती है. हिंदू धर्म (Hindu Religion) में कार्तिक अमावस्या (Kartik Amavasya) का बहुत महत्व माना जाता है. माना जाता है कि यह दिन पितृ पूजा के लिए बहुत अच्छा होता है. इस दिन उनकी पूजा करने से उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यता है कि महाभारत के समय शांति पर्व के मौके पर श्री कृष्ण ने स्वयं कार्तिक अमावस्या का महत्व बताते हुए कहा था कि ‘यह दिन मुझे बहुत प्रिय है. इस दिन मेरी पूजा करने से किसी व्यक्ति के जीवन पर ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा’.
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कार्तिक अमावस्या शुभ मुहूर्त और तिथि
– लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त: शाम 6:53 से 8:16 बजे तक
– पूजा अवधि: 1 घंटा 23 मिनट
– वृषभ काल: 18:53 से 20:48
– प्रदोष काल: 17:43 से 20:16
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दिवाली पर नहीं पड़ेगा सूर्य ग्रहण का कोई असर
इस साल 24 अक्टूबर 2022 को दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा. और 25 अक्टूबर 2022 को सूर्य ग्रहण लगेगा. बता दें कि दिवाली पर इस ग्रहण का कोई असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण रहेगा उसका समय 25 अक्टूबर 4 बजकर 49 मिनट से 6 बजकर 6 मिनट तक रहेगा. हालांकि भारत में सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा.
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कार्तिक अमावस्या व्रत और पूजा विधि
– सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से फ्री हो जाएं और साफ वस्त्र धारण कर लें.
– सूर्य देव को जल और तिल अर्पित कर पूजा करें.
– नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें. इससे सकारात्क प्रभाव बढ़ता है.
– नवग्रह दोषों के निवारण के लिए सुबह विष्णु सहस्रनाम का जाप अवश्य करें.
– शिवलिंग का जलाभिषेक करें और उनसे आशीर्वाद लें.
– किसी जरूरतमंद व्यक्ति के घर या मंदिर में दीपक जलाएं. यह शनि दोष को शांत करने में मदद करेगा.
– मां लक्ष्मी को मिठाई, फल और खीर का भोग लगाएं.
– इस दिन भक्तों को केवल सात्विक भोजन, दूध और फल ही खाना चाहिए.
– इस दिन प्याज और लहसुन, मांस, अंडा, शराब और नशीली दवाओं के सेवन का परहेज करें.
– मेवे, फल, दूध और मक्खन जैसे डेयरी आइटम और राजगिरा का आटा, कुट्टू का आटा, और सिंघाड़े का आटा जैसे कुछ आटे का सेवन किया जाता है.और सादा नमक की जगह सेंधा नमक का इस्तेमाल करें.
– दिन भर पानी, जूस, और छाछ का सेवन करें ताकि आप हाइड्रेट रह सकें.
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कार्तिक अमावस्या पर तुलसी पूजा का महत्व
हिंदू धर्म में कार्तिक अमावस्या के दिन तुलसी पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. कार्तिक मास की अमावस्या को स्नान कर तुलसी माता और सूर्य भगवान को जल चढ़ाया जाता है. और उन दोनों की पूजा की जाती है. बता दें कि कार्तिक अमावस्या के दिन तुलसी के पौधे का दान करना बेहद शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.