Jyeshtha Purnima Vrat 2023: ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत आज 3 जून, शनिवार को है. इस दिन रवि योग समेत 3 शुभ योग हैं. शिव योग में भगवान सत्यनारायण की पूजा और कथा होगी. सिद्ध योग में चंद्रमा की पूजा होगी. ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत में चंद्रमा की पूजा और अर्घ्य देने का महत्व है, इसके बिना ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत सफल नहीं होगा. आप ज्येष्ठ पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, इससे आपके धन और समृद्धि में वृद्धि होगी. आज स्वर्ग की भद्रा है, जिसका पृथ्वी पर कोई दुष्प्रभाव नहीं है. सीखा ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत पूजन का शुभ मुहूर्त, चंद्र अर्घ्य समय और चंद्र दोष निवारण के ज्योतिषीय उपाय.

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ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 2023 शुभ मुहूर्त (Jyeshtha Purnima Vrat 2023)

ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: आज शनिवार सुबह 11 बजकर 16 मिनट से
ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि समाप्त: कल, रविवार, 09:11 AM
रवि योग: आज सुबह 05:23 से 06:16 तक
शिव योग: आज सुबह 02 बजकर 48 मिनट से
सिद्ध योग: आज दोपहर 02 बजकर 48 मिनट से देर रात तक

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चंद्र दोष के उपाय

  1. पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर विधि-विधान से चंद्र देव की पूजा करके अर्घ्य देने से कुंडली में मौजूद चंद्र दोष दूर हो जाता है.
  2. पूर्णिमा के दिन पूजा के समय बीज मंत्र ॐ सों सोमाय नमः या तांत्रिक मंत्र ॐ श्रीं श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः का जाप करें.
  3. चंद्र दोष से मुक्ति का सबसे अच्छा उपाय है कि सोमवार का व्रत रखें और विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करें. शिव कृपा से चंद्र दोष दूर होगा.
  4. चंद्र दोष निवारण के लिए सफेद धागे में बंधा चांदी का चंद्रमा सोमवार या पूर्णिमा के दिन चंद्र देवता की पूजा करने के बाद गले में धारण करना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)