हर साल आश्विन मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को रखे जाने वाले जीवित्पुत्रिका व्रत को जितिया या जिउतिया के नाम से भी जाना जाता है. सनातन धर्म में इस व्रत का बहुत महत्व माना गया है. मुख्य रूप से इस व्रत को विवाहित महिलाएं अपने संतान की लंबी उम्र और उनकी खुशहाल जिंदगी के लिए रखती हैं. आपको बता दें कि यह जीवित्पुत्रिका व्रत तीन दिनों का त्यौहार होता है. इस बार जितिया व्रत की तारीख को लेकर लोगों में बड़ी कन्फ्यूजन है. आइए आपको बताते हैं कि जितिया व्रत 17 या 18 सितंबर, किस दिन रखा जाएगा.

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जीवित्पुत्रिका व्रत का शुभ मुहूर्त

विशेषज्ञों की मानें, तो जीवित्पुत्रिका का व्रत आश्विन मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि से लेकर नवमी तिथि तक मनाया जाता है. इस बार ये व्रत 18 सितंबर की रात से शुरू होकर 19 सितंबर तक चलने वाला है. इसका बाद व्रत का पारण 19 सितंबर को ही किया जाएगा. दरअसल, इस साल 17 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 15 मिनट पर अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी और 18 सितंबर दोपहर 4 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. उदया तिथि के अनुसार, जीवित्पुत्रिका का व्रत 18 सितंबर 2022 को रखा जाएगा और इसका पारण 19 सितंबर 2022 को किया जाएगा.

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जीवित्पुत्रिका व्रत का महत्व

हिंदू धर्म में हर व्रत की तरह ही जीवित्पुत्रिका व्रत का भी बहुत महत्व माना जाता है. यह व्रत महिलाओं के द्वारा अपनी संतान की लंबी उम्र और खुशहाल जिंदगी के लिए किए जाता है. मान्यतानुसार इस व्रत को लेकर ऐसा कहा जाता है कि जो भी मां सच्चे मन से इस व्रत को रखती है और विधि विधान से पूजा करने के बाद कथा सुनती है.

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उसकी संतान की आयु लंबी होने के साथ-साथ उसके जीवन से समस्त कष्टों का नाश हो जाता है और उसका जीवन सफलता और खुशहाली के साथ व्यतीत होता है. इसके साथ ही उस पर कभी भी दुखों का साया नहीं मड़राता है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.