हिंदू (Hindu) पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि (Navratri) का समापन 5 अक्टूबर को हो जाएगा. बहुत से लोग मां दुर्गा की प्रतिमा अपने घर या मंदिरों में रखते हैं और इसी बीच माता के भक्त अस्थाई रूप से प्रतिष्ठित मां दुर्गा भवानी की मूर्ति 5 अक्टूबर को क्षमा प्रार्थना के साथ भावभीनी विदाई देते हुए विसर्जन करेंगे. इसी के साथ आज हम आपको विसर्जन का शुभ मुहूर्त व पूजा की सही विधि के बारे में बताने जा रहे हैं.

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कब और कैसे करें दुर्गा विसर्जन 

26 सितंबर से शुरू हुआ पवित्र नवरात्रि महापर्व 5 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगी. नवरात्री में पूरे दिन श्रद्धालु माता के भक्त माता की अस्थायी मूर्ति की स्थापना करते हैं, श्रद्धा भक्ति के साथ उनकी पूजा करते हैं और अंतिम दिन एक विशेष हवन यज्ञ करके समापन करते हैं. समापन पूजा के साथ अस्थायी रूप से विराजमान मां आद्यशक्ति दुर्गा भवानी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा. अगले वर्ष शीघ्र आने की भावना के साथ भक्त नाचते हैं, विदाई गीत गाते हैं, फूलों और मालाओं से अबीर उड़ाते हैं, माँ दुर्गा भवानी को पूरे शहर, कस्बे और गाँव में सुरक्षा की भावना से भेजते हैं.

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मां दुर्गा भवानी की मूर्ति विसर्जन से पहले विधिवत पूजा करें और आरती वंदना करने के बाद विशेष यज्ञ हवन माता के इन दिव्य बीज मंत्रों से करें. हवन पूजन और आरती के बाद कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराएं. ऐसा करने से देवी मां आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगी.

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दुर्गा विसर्जन 2022 शुभ मुहूर्त

आश्विन मास की दशमी तिथि 04 अक्टूबर को दोपहर 02:20 से प्रारंभ हो रही है. वहीं, अगले दिन 5 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12 बजे समाप्त होगा. ऐसे में सुबह-सुबह दुर्गा विसर्जन करना शुभ रहेगा.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है).