Ganga Dussehra 2023: हिंदू धर्म में नदियों को मां का दर्जा दिया गया है. गंगा नदी को सबसे पवित्र और मोक्षदायिनी माना जाता है. मान्यता है कि गंगा नदी में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं. व्यक्ति को जन्म मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं. इस दिन को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2023) पर्व के रूप मनाया जाता है. गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की पूजा, आरती करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है.
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कब है गंगा दशहरा 2023
इस वर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का प्रारंभ 29 मई को सुबह 11:49 बजे से होगा और समापन 30 मई को दोपहर 01:07 बजे होगा. उदय तिथि के अनुसार गंगा दशहरा पर्व 30 मई को मनाया जाएगा. इस दिन श्रद्धालुओं को गंगा नदी में स्नान की प्रक्रिया ब्रह्म मुहूर्त से शुरू होगी. स्नान करने का सबसे शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजे तक रहेगा. हालांकि जो लोग गंगा नदी में स्नान करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें अपने स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर घर में ही सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और पूजा करनी चाहिए. स्नान करते समय मां गंगा का ध्यान करते रहें. एक साथ स्नान और पूजा करने के बाद मां गंगा की आरती करें. इसके बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार दान अवश्य करें.
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गंगा मंत्र का जाप करने से आपको पुण्य की प्राप्ति होगी
गंगा दशहरा के दिन मां गंगा के मंत्र ‘ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिन्यै नारायण्यै नमो नमः’ का जाप करें. इस मंत्र के जाप से सारे संकट दूर हो जाएंगे और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहेगी. इस दिन मां की आरती जरूर करें.
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मां गंगा आरती
ॐ जय गंगे माता, श्री गंगे माता.
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता.
ॐ जय गंगे माता…
चन्द्र-सी ज्योत तुम्हारी जल निर्मल आता.
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता.
ॐ जय गंगे माता…
पुत्र सगर के तारे सब जग को ज्ञाता.
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता.
ॐ जय गंगे माता…
एक ही बार भी जो नर तेरी शरणगति आता.
यम की त्रास मिटा कर, परम गति पाता.
ॐ जय गंगे माता…
आरती मात तुम्हारी जो जन नित्य गाता.
दास वही जो सहज में मुक्ति को पाता.
ॐ जय गंगे माता…
ॐ जय गंगे माता…..
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)