Diwali 2022 Puja Samagri List in Hindi: देशभर में दिवाली (Diwali 2022) के त्योहार (Festival) को अधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन माता लक्ष्मी के साथ श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है. अधिकतर लोग दिवाली के पर्व आने का बेसब्री से इंतजार करते हैं. क्योकि दिवाली का महापर्व अपने साथ कई त्योहार लेकर आता है. हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दिवाली का पर्व (Diwali Festival 2022) मनाया जाता है. इस साल दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा. तो चलिए हम आपको बताएंगे दिवाली पूजन सामग्री (Diwali Pujan Samagri List) और लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त के बारे में.

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दिवाली पूजन सामग्री लिस्ट (Diwali Pujan Samagri List)

-ताजे फूलों से बनी कम से कम तीन माला

-बिल्वपत्र और तुलसी पत्ती

-मिठाई, फल, गन्ना, लावा

-3 मीठा पान

-दूर्वा घास

-पंच पल्लव

-कपूर, जनेऊ

-धूप,दक्षिणा,

स्याही, दवात,गेंहूं, खील, बताशे

-बही-खाता

मूर्ति रखने के लिए लकड़ी का स्टूल

-पांच बड़े मिट्टी के दीपक

-25 छोटे मिट्टी के दीपक

-एक मिट्टी का कलश

-भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की नई मूर्ति

-एक लाल रेशमी कपड़ा और एक पीला कपड़ा

-एक लाल कपड़ा

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दिवाली शुभ मुहूर्त

कार्तिक अमावस्या तिथि प्रारंभ: 24 अक्टूबर को 06:03 बजे

कार्तिक अमावस्या तिथि समाप्त: 24 अक्टूबर 2022 को 02:44 बजे

अमावस्या निशिता काल: 11:39 से 12 :31, 24 अक्टूबर

कार्तिक अमावस्या सिंह लग्न: 00:39 से 02:56, 24 अक्टूबर

दिवाली 2022: 24 अक्टूबर 2022 को

अभिजीत मुहूर्त: 24 अक्टूबर सुबह 11:19 से दोपहर 12:05 तक

विजय मुहूर्त: 24 अक्टूबर दोपहर 01:36 से 02:21 तक

दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का समय व मुहूर्त

लक्ष्मी पूजन समय मुहूर्त: 24 अक्टूबर शाम 06:53 से रात 8:16 तक

पूजा अवधि: 1 घंटे 21 मिनट

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इस दिवाली बन रहा है शुभ योग

ज्योतिष गणना के अनुसार, इस साल दिवाली 24 अक्टूबर 2022 दिन सोमवार को है और उसके बाद 26 अक्टूबर को बुध ग्रह तुला राशि में प्रवेश करेंगे. दिवाली के पहले मंगल मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और शनि मकर राशि में मार्गी होंगे. ऐसे शुभ संयोगों से युक्त इस बार दिवाली कई राशि के जातकों की किस्मत खोल सकती है.

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दिवाली का महत्व

दिवाली का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री राम ने लंकापति रावण पर विजय प्राप्त की थी और इस दिन वह 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे. तब से दिवाली का पर्व भगवान राम के वापस आने के खुशी में मनाया जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)