Chhath Puja 2022: हिंदुओं (Hindus) का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली को माना जाता है. पांच दिनों तक चलने वाला यह पर्व (Festival) केवल भैया दूज तक ही सीमित नहीं है, बल्कि छठ तक यह पर्व चलता रहता है. बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखण्ड में मनाया जाने वाला यह त्योहार एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. छठ पूजा (Chhath Puja) सिर्फ एक त्योहार नहीं है बल्कि एक महापर्व है जो कुल चार दिनों तक चलता है. नहाय खाय से लेकर उगते भगवान सूर्य को अर्घ्य देने तक चलने वाले इस पर्व का अपना एक पौराणिक महत्व है.

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दिवाली के 6 दिन बाद क्यों मनाई जाती है छठ पूजा

हिंदी पंचांग की मान्यता के अनुसार, दिवाली कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है तो छठ कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को दीपावली के ठीक 6 दिन बाद मनाया जाता है. षष्ठी मनाने के कारण इसे षष्ठी व्रत या छठ व्रत कहा जाता है. जैसे दिवाली पांच त्योहारों का एक समूह है यानी धनतेरस, छोटी दिवाली, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैया दूज मनाया जाता है, उसी तरह छठ भी चार दिनों का त्योहार है.

पहला दिन – नहाय खाय

दूसरा दिन – खरना

तीसरा दिन – निर्जला व्रत के साथ संध्या अर्घ्य

चौथा दिन – उगते सूर्य को अर्घ्य दे कर पारण

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छठ पूजा का महत्व

छठ पर्व को महापर्व कहते हैं. क्योंकि यह पर्व आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. यही कारण है कि आज छठ पूजा देश के साथ-साथ विदेशों में भी मनाई जाती है. छठ पर्व में स्वच्छता के नियमों का विशेष रूप से पालन करना होता है. छठी माई की पूजा में घर में मांस-मंदिर, लहसुन-प्याज और बचा हुआ खाना वर्जित है. छठ व्रत का पालन करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)