Chhath Puja 2022: छठ पूजा (Chhath Puja) का पर्व (Festival) साल में दो बार मनाया जाता है. चैत्र के महीने में पड़ने वाली छठ पूजा को चैती छठ कहा जाता है और कार्तिक के महीने में पड़ने वाले छठ को कार्तिकी छठ कहा जाता है. हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग कार्तिक माह के छठ पर्व को अत्यंत भक्ति और समर्पण के साथ मनाते हैं. छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय से होती है. अगले दिन खरना, फिर संध्या अर्घ्य और अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर लोक आस्था के महान पर्व का समापन होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष छठ पूजा के लिए खरना 29 अक्टूबर शनिवार को होगा. वहीं रविवार 30 अक्टूबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसके अलावा 31 अक्टूबर को सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा. छठ व्रत बहुत कठिन है. इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखा जाता है. आइए जानते हैं छठ पूजा के दौरान कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए.

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अर्घ्य देते हुए ना करें ये भूल 

छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य देने का विधान है. ऐसे में सूर्य देव को अर्घ्य देते समय स्टील या कांच के बर्तनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. इस दिन बांस के सूप या पीतल से बने धातु के बर्तनों का प्रयोग किया जाता है. इसके साथ ही यह भी माना जाता है कि सूर्य देव को अर्घ्य दिए बिना छठ पर्व पूरा नहीं होता है.

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साफ सफाई का रखा जाता है ध्यान 

छठ पूजा के दौरान नहाय खाय से लेकर सुबह के अर्घ्य तक साफ-सफाई का खास ख्याल रखा जाता है. छठ पूजा के दौरान लोग साफ कपड़े पहनते हैं. इसके साथ ही व्रत का पालन करने वाली महिलाएं सूती साड़ी पहनकर जल में खड़ी होकर सूर्य की पूजा करती हैं. वहीं पुरुष साफ सूती कपड़े पहनकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं.

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पूजा सामग्री का रखा जाता है ख्याल

छठ पूजा के दौरान पूजा सामग्री का विशेष ध्यान रखा जाता है. छठ पूजा में पूजा सामग्री के रूप में सिंदूर, कुमकुम, अलता, पीतल या बांस का सूप, शकरकंद, नारियल, ईख, शहद, पान, सुपारी, लौंग, कद्दू आदि का प्रयोग किया जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)