Chhath Puja ke Upay: छठ पर्व, छठ या षष्ठी पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है. सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है. छठ पूजा को सूर्य, उषा, प्रकृति,जल, वायु और उनकी बहन छठी मइया को समर्पित माना गया है. छठ महापर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू हो जाता है और इसका समापन कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी को होता है. इस पर्व के दौरान कुछ खास उपायों को कर के भगवान सूर्य और छठी मैय्या को प्रसन्न कर के उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है. इसके साथ-साथ अपनी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण की जा सकती हैं.

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सूर्य को अर्घ्य देना

छठ महापर्व के मौके पर रोजाना सूर्य को अर्घ्य देने से सूर्य दोष खत्म होता है. मान्यता है कि भगवान सूर्य अगर आपसे प्रसन्न हो जाएं, तो वह आपको बुलंदियों पर पहुंचा सकते हैं. इसके साथ साथ कुंडली में शनि दोष हो, तो उसमें भी राहत मिलती है.

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नारियल प्रवाहित करना

मान्यतानुसार कहा जाता है कि अगर छह नारियल सिर पर से वार कर जल में प्रवाहित कर दिए जाएं, तो उसके साथ ही साथ सूर्य ग्रहण के दोष भी मिट जाते हैं.

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आदित्य हृदय स्तोत्र का नियमित पाठ

यदि रोजाना नियमित रूप से आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ किया जाए, तो इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं.

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दान-पुण्य करना

छठ के मौके पर दान पुण्य का विशेष महत्व माना गया है. ऐसे में व्यक्ति को गेंहूं, गुड़ व तांबे का दान करना चाहिए. ऐसा करने से सूर्य दोष कटते हैं और सूर्य ग्रह बलवान होता है.

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व्रत धारण करने वालों की सेवा करना

छठ पर्व के मौके पर व्रत धारण किया जाता है. नियम कानून से बंधे इस कठिन व्रत को धारण करना बहुत ही मुश्किल होता है. ऐसे में व्रत धारण करने वालों की सेवा करने वालों से भी भगवान सूर्य और छठी मैय्या प्रसन्न होते हैं और उनका कल्याण करते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)