Chaitra Pradosh Vrat 2023 Date: हिंदू कैलेंडर में तिथि के हिसाब से व्रत-त्योहार पड़ते हैं. महीने में दो पक्ष होते हैं जिसमें कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष होते हैं. प्रत्येक पक्ष के त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखते हैं. ऐसी मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने वालों के कष्ट मिट जाते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. चैत्र मास का पहला प्रदोष व्रत रविवार यानी 19 मार्च को पड़ रहा है. रविवार को प्रदोष का व्रत रखते हुए भक्त भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करेंगे. चैत्र मास के प्रदोष व्रत का विशेष महत्व बताया गया है जिसके बारे में चलिए आपको बताते हैं.

यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2023 Ashtami Date: चैत्र नवरात्रि में अष्टमी कब है? जानें इस दिन की पूजा विधि

चैत्र मास का प्रदोष व्रत कब है? (Chaitra Pradosh Vrat 2023 Date)

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 19 मार्च की सुबह 8 बजकर 7 मिनट से प्रारंभ हो रहा है. ये तिथि 20 मार्च की सुबह 4 बजकर 55 मिनट तक रहेगी. प्रदोष व्रत के लिए प्रदोष काल सूर्योदय सबसे उत्तम माना जाता है इसलिए प्रदोष व्रत 19 मार्च को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत के लिए पूजा करने का उत्तम समय 2 घंटे 23 मिनट तक ही रहेगा. शिव पूजा का शुभ मुहूर्त 19 मार्च की शाम 6:31 बजे से रात 8:54 बजे तक ही रहेगा. इस दौरान आपको भगवान शंकर के साथ माता पार्वती की भी पूजा करनी चाहिए जिससे आपको विशेष लाभ मिले और आपकी मनोकामनाएं पूरी हों.

कैसे करें चैत्र प्रदोष व्रत की पूजा? (Chaitra Pradosh Vrat Puja Vidhi)

पूजा के लिए जो शुभ मुहूर्त आपको ऊपर बताया गया है उसी मुहूर्त में आपको स्नान करने के बाद स्वच्छ मन से पूजा शुरू करनी है. अगर प्रदोष व्रत वाले दिन अगर आप किसी प्राचीन शिव मंदिर जाएं तो और अच्छा होता है. वहां पूरे विश्वास के साथ ‘ॐ नमो धनदाय स्वाहा’ और शिव का पञ्चाक्षर मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय:’ मंत्रों का जाप कम से कम 11 मालाओं का करें तो आपकी मनोकामनाएं जरुर पूरी होंगी. इन मंत्रों का जाप करने से पहले आपका मन स्वच्छ होना चाहिए और भगवान में पूर्णं विश्वास होना चाहिए. इसके बाद जब शाम को प्रदोष व्रत की पूजा करें तो प्रदोष व्रत कथा (Pradosh Vrat Katha) जरूर पढ़ें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2023 Colors: नवरात्रि पर 9 दिन कौन-कौन से रंगों का महत्व होता है? जानें यहां