Navmi 2023 Havan Vidhi In Hindi: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से हो चुकी है, पूरे देश में धूमधाम से लोग नवरात्रि मना रहे हैं. आपको बता दें कि वैसे तो नवरात्रि के पूरे नौ दिन ही बहुत खास होते हैं, लेकिन इसमें भी अष्टमी और नवमी (Navmi 2023 Havan Vidhi) का विशेष महत्व माना गया है. इस बार अष्टमी व नवमी  29 और 30 मार्च को पड़ रही है. गौरतलब है कि नवरात्रि के दिनों में  हर दिन हवन करना चाहिए, लेकिन अगर आप किसी कारणवश न भी कर पाएं, तो आपको नवमी को हवन जरूर करना चाहिए. हवन करते समय उसकी सभी सामग्री जरूर होनी चाहिए और साथ में हवन मंत्र भी जरूर करें. इससे मां दुर्गा की विशेष कृपा आपके ऊपर बरसेगी. ऐसा करने से आपके समस्त कष्ट मिटते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है.

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नवरात्रि में हवन का महत्व (Hawan Ka Mahatva)

नवरात्रि में नवमी के दिन हवन करना बहुत शुभ होता है. मान्यता है कि हवन से प्रसन्न होकर मां दुर्गा सभी की परेशानियां दूर करती हैं. अगर आप किसी मंदिर में जाकर या किसी पंडित को बुलाकर हवन नहीं कराना चाहते तो खुद भी अपने घर पर हवन कर सकते हैं. इसकी पूजा विधि बहुत आसान होती है. इसके लिए आपको हवन कुंड के साथ साथ हवन सामग्री की आवश्यकता पड़ती है. हवन करने से पहले आपको हवन कुंड में आम के पेड़ की लकड़ी और कपूर से अग्नि प्रज्जवलित करनी होती है. इसके बाद हवन कुंड में सभी देवी-देवताओं के नाम की आहुति देनी होती है. मान्यता है कि कम से कम 108 बार आहुति दी जाती है. इसके साथ ही हवन में हवन मंत्र का भी बहुत ही अहम रोल होता है.

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हवन सामग्री (Navratri Hawan Samagri List)

अगर आप घर पर हवन करने जा रहे हैं तो इसकी सामग्री की लिस्ट बनवा लेना चाहिए. इसमें धूप, जौ, नारियल, गुग्गुल, मखाना, काजू, किसमिस, छुहारा, मूंगफली, बेलपत्र, शहद, घी, सुगंध, अक्षत लें. अब इन सभी को मिलकर हविष्य बना लें. हवन के दौरान अग्नि में डालने वाली सामग्री को शामिल करना होगा. हवन की सामग्री को हविष्य कहते हैं और इसके लिए अग्नि प्रज्जवलित करने के लिए रूई, आम की लकड़ी, चंदन की लकड़ी, कपूर और माचिस भी रखना जरूरी होता है.

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नवमी के दिन हवन कैसे करें? (Havan Mantra in Hindi)

हवन करते समय सबसे ॐ आग्नेय नम: स्वाहा बोलते हैं. अग्निकुंड में पादर्थों की आहुति दें. ॐ गणेशाय नम: स्वाहा. नाम से आहुति दें. इसके बाद सभी नवग्रहों के देवाताओं के नाम लेकर अग्नि में आहुति दें. इसके बाद कुल देवता और स्थान देवता की आहुति दें. अब मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के नाम से आहुति दें. जैसे ॐ दुर्गाय नम: स्वाहा. ॐ गौरियाय नम: स्वाहा. अब सप्तशती या नर्वाण मंत्र का जाप करने के बाद आहुति दें. पूर्ण आहुति में ‘ॐ पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा.’ का जाप करें. अब अपने परिवार समेत आरती करें और हवन संपन्न करें, माता से अपनी जाने-अनजाने में हुई गलतियों की क्षमा मांगे और सबका कल्याण करने की मनोकामना मां से मांगे.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)