लोक आस्था का महापर्व चैती छठ की शुरुआत नहाय खाये के साथ 25 मार्च से हो रही है. बिहार, झारखण्ड, उत्तरप्रदेश में इस लोक आस्था के महापर्व को बड़े ही आस्था के साथ मनाते हैं. आपको बता दें कि छठ का पर्व साल भर में 2 बार मनाया जाता है. मार्च या अप्रैल के महीने में चैती छठ (Chaiti Chhath Puja 2023 Schedule) और दूसरा कार्तिक मास अक्टूबर या नवंबर में मनाया जाता है. गौरतलब है कि यह चार दिनों तक चलने वाला महान पर्व है, जहां पहले दिन की शुरुआत नहाए खाए से होती है. इस पर्व में महिलाएं लगभग 36 घंटे का लंबा व्रत करती हैं, इसलिए यह व्रत बहुत ही कठिन माना जाता है. तो चलिए जानते हैं चैती छठ Chaiti Chhath Puja 2023 Schedule पर्व के पूरे शेड्यूल के बारे में.

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चैती छठ पूजा तिथि 
साल 2023 में चैती छठ का पर्व 25 मार्च से 28 मार्च के बीच मनाया जाने वाला है. चैती छठ 2023 का सुबह का अर्घ्य और पारण 28 मार्च को होगा.

1- नहाय खाय

गौरतलब है कि चैती छठ पर्व शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 25 मार्च 2023  से आरंभ हो जाएगा. इस दिन नहाय-खाय किया जाएगा. इस व्रत में साफ सफाई का बहुत ध्यान रखा जाता है. नहाय खाय के दिन पूरे घर की सफाई की जाती है और स्नान करके व्रत का संकल्प लिया जाता है.

2- खरना

26 मार्च 2023 दिन रविवार को पंचमी तिथि को लोहंडा या खरना किया जाएगा. इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ वाली खीर का प्रसाद बनाकर सूर्य देव की पूजा करने के बाद इस प्रसाद का सेवन करती हैं, इसके बाद छठ के समापन के बाद व्रत का पारण किया जाता है.

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3- संध्या अर्घ्य

27 मार्च 2023 दिन सोमवार को संध्या अर्घ्य दिया जाएगा. संध्या अर्घ्य के दिन व्रत करने वाली महिलाएं पानी के अंदर जाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं. चार दिवसीय छठ पर्व में तीसरा दिन बहुत खास होता है.

4- ऊषा अर्घ्य

छठ पूजा का अंतिम औऱ आखिरी दिन ऊषा अर्घ्य होता है. इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. जिसके बाद छठ के व्रत का पारण किया जाता है. आपको बता दें कि इस दिन व्रती महिलाएं सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उदितनारायण सूर्य को अर्घ्य देती हैं और सूर्य भगवान और छठी मैया से संतान की रक्षा और परिवार की सुख शांति की कामना करती हैं. इस पूजा के बाद व्रती कच्चे दूध, जल और प्रसाद से व्रत का पारण करती हैं. इस बार 28 मार्च 2023 दिन मंगलवार को ऊषा अर्घ्य दिया जाएगा.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)