Ashwin Month 2023: आश्विन मास हिंदू कैलेंडर का सातवां महीना है. आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पितृ पक्ष पितरों की पूजा के लिए समर्पित है. ये 15 दिन पितृ दोष से मुक्ति और पितरों की तृप्ति के लिए हैं. उसके बाद शारदीय नवरात्र शुरू हो जाते हैं. पितरों की पूजा के बाद कलश स्थापना के साथ ही देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का पर्व नवरात्रि शुरू हो जाता है. इसमें विजयादशमी यानी दशहरा, रावण दहन, दुर्गा पूजा, दुर्गा विसर्जन होता है. आश्विन माह में जितिया, शरद पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आते हैं. आइए जानते हैं कि आश्विन मास कब शुरू हो रहा है?
यह भी पढ़ें: Pitru Paksha: पितृ पक्ष से पहले कर लें ये काम वरना नहीं मिलेगा फिर 16 दिन मौका
कब से शुरू हो रहा है आश्विन मास 2023?
इस साल आश्विन मास 30 सितंबर, शनिवार से शुरू हो रहा है. आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 30 सितंबर को है. प्रतिपदा तिथि 29 सितंबर शुक्रवार को दोपहर 03:26 बजे शुरू होगी और 30 सितंबर को दोपहर 12:21 बजे समाप्त होगी.
28 अक्टूबर, शनिवार को आश्विन पूर्णिमा पर आश्विन मास समाप्त होगा. उस दिन शरद पूर्णिमा होगी. शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा या पूनम पूर्णिमा भी कहा जाता है.
यह भी पढ़ें: Pitru Paksha 2023: कब से शुरू हो रहा पितृ पक्ष? जानिए श्राद्ध की प्रमुख तिथियां और उपाय
आश्विन मास का महत्व
आश्विन मास पितरों और देवताओं की पूजा के लिए विशेष है. आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध, ब्राह्मण भोज आदि किये जाते हैं. पितृ पक्ष की तिथियों पर पितरों की पूजा करके उन्हें तृप्त किया जाता है. सर्वपितृ अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक नवरात्रि मनाई जाती है. इसमें 9 देवियों की पूजा की जाती है. अष्टमी के दिन कन्या पूजन और नवमी तिथि के दिन नवरात्रि हवन किया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)