हिंदू धर्म में अपरा एकादशी का विशेष महत्व है. इस बार अपरा एकादशी का व्रत 15 मई 2023 को रखा गया है. आपको बता दें कि ये एकादशी अपार खुशियां, धन और समृद्धि प्रदान करने वाली मानी गई है. इस साल अपरा एकादशी बहुत खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन चतुर्ग्रही और बुधादित्य योग भी बन रहा है. आपको बता दें कि अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2023) पर विधि विधान से भगवान विष्णु के त्रिविक्रम रूप की पूजा होती है. शास्त्रों में एकादशी व्रत पारण को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं आइए जानते हैं.

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अपरा एकादशी व्रत का पारण 16 मई 2023 को  सुबह 06 बजकर 41 मिनट से सुबह 08 बजकर 13 मिनट पर किया जाएगा. एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के दिन किया जाता है. एकादशी व्रत का पारण विशेष महत्व रखता है, इसमें एक गलती आपकी पूरी पूजा को असफल कर सकती है.

अपरा एकादशी व्रत पारण के नियमा Apara Ekadashi Vrat parana Niyam)

अपरा एकादशी व्रत के फलस्वरूप साधक को सौभाग्य की प्राप्ति होती है और दरिद्रता दूर होती है. ऐसे में अपरा एकादशी व्रत के पारण करने से पहले घर के मंदिर में गणपति और विष्णु जी का विधि विधान से अभिषेक करना चाहिए. रोली, मौली, हल्दी, श्रीफल, गुड़, सत्तू चढ़ाएं. भोग लगाना चाहिए और ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए. इसके बाद एकादशी के दिन पूजा में चढ़ाएं प्रसाद से व्रत खोलना चाहिए. साथ ही एकादशी व्रत के पारण में व्रती को चावल जरुर खाना चाहिए, ऐसा करने से साधक को अगले जन्म में दुख नहीं भोगना पड़ता है.

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एकादशी व्रत खोलने क्या ध्यान रखना चाहिए?

1- एकादशी का व्रत द्वादशी तिथि पर सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त में खोला जाता है. हरि वासर के दौरान भूलकर भी व्रत पारण न करें नहीं तो पूजा और व्रत व्यर्थ हो जाएंगे.

2- हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि है. साथ ही व्रत पारण में बैंगन, लहसून, प्याज, मसूर की दाल का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.

3- व्रत खोलने से पहले विष्णु जी की पूजा करना न भूलें. अपरा एकादशी व्रत खोलने से पहले पानी से भरा घड़ा दान करना चाहिए.

4- शास्त्रों के अनुसार एकादशी व्रत तोड़ने के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रातःकाल होता है, व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को मध्याह्न के दौरान व्रत तोड़ने से बचना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)