Anant Chaturdashi Vrat Katha: भगवान विष्णु को सबसे प्रिय गुरुवार का दिन होता है और मान्यता है कि इस दिन उनकी पूजा करने से वो जल्दी से प्रसन्न हो जाते हैं. विष्णु भक्ति को और पक्का करने के लिए आपको उनके एकादशी व्रतों को करना चाहिए और अनंत चतुर्दशी व्रत को भी जरूर करना चाहिए. इस साल अनंत चतुर्दशी व्रत 28 सितंबर दिन गुरुवार को पड़ा है और ये दिन बहुत ही शुभ है. इस दिन आपको व्रत रखना चाहिए, पूजा करनी चाहिए और अनंत चतुर्दशी व्रत कथा भी पढ़नी चाहिए. अगर आप उस दिन ये सबकुछ करते हैं तो आपका जीवन सार्थक हो जाएगा. अनंत चतुर्दशी की कहानी आपको जरूर जाननी चाहिए.

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क्या है अनंत चतुर्दशी व्रत कथा? (Anant Chaturdashi Vrat Katha)

पौराणिक कथा के अनुसार, सुमंत नाम का एक ब्राह्म और महर्षि भृगु की बेटी दीक्षा से एक कन्या का जन्म हुआ. उस कन्या का नाम सुशीला रखा गया. सुशीला की मां दीक्षा का असमय ही निधन हो गया था. इसके बाद ब्राह्मण सुमंत ने कर्कशा नाम की एक लड़की से विवाह कर लिया. इससे पहले ब्राह्मण ने अपनी पुत्री का विवाह कौण्डिन्य मुनि से करा दिया था. कर्कशा के क्रोध के चलते और उसके कृत्यों से सुशीला अत्यंत गरीब हो गई थी. एक बाद सुशीला अपने पति के साथ कहीं जा रही थी तो जाते समय रास्ते में कुछ महिलाएं व्रत-पूजा कर रही होती हैं. सुशीला उनसे पूछती है कि ये कौन सी पूजा है तो महिलाओं ने बताया कि वो अनंत चतुर्दशी की पूजा कर रही हैं.

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अधिकमास और एकादशी दोनों ही भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है. (फोटो साभार: Pixabay)

उन महिलाओं ने अनंत सूत्र की महिमा का भी गुणगान किया. महिलाओं ने जैसा व्रत और अनंत सूत्र का जिक्र किया वैसा ही सुशीला ने भी किया. इसके बाद उन्हें अनंत सुख प्राप्त हुआ लेकिन कौण्डिन्य मुनि ने एक दिन गुस्से में अनंत सूत्र तोड़ दिया था. इसक बाद वो कष्टों से घिर गए लेकिन बाद में सुशीला ने भगवान विष्णु से माफी मांगी और फिर से व्रत किया और अनंत सूत्र बांधा जिसके बाद उनके जीवन में सबकुछ ठीक हो गया. उस दाम्पत्य का जीवन अनंत देव की कृपा से सुखमय बीतने लगा. भगवान विष्णु के कई नामों में अनंत भी है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें, भगवान विष्णु का स्वरूप अनंत चतुर्दशी का व्रत हिंदू धर्म में लोगों को करना चाहिए. इस दिन किए हुए पूजा-पाठ का विशेष असर आपके जीवन में भगवान विष्णु की कृपा से होता है. श्रीहरि आपके इस व्रत का अनंत फल प्रदान करते हैं. अगर आप श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें धन-संपत्ति, संतान समेत सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस पूजा में अनंत चतुर्दशी व्रत कथा (Anant Chaturdashi Vrat Katha) करें और पूजा को विधिवत संपन्न करें.

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