हिंदू धर्म (Hindu Religion) में व्रत-त्योहारों (fasting festivals) का विशेष महत्व है. भाद्रपक्ष शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी मनायी जाती है. इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा होती है. इस बार अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) व्रत 9 सितंबर 2022 यानी आज मनाई जा रही है. विष्णु भगवान के 12 नाम हैं जिनमे से एक अनंत है. अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से आर्थिक, शारीरिक व मानसिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है.

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अनंत चतुर्दशी की पूजा विधि

अनंत चतुर्दशी पूजा की विधि अग्नि पुराण में अनंत चतुर्दशी व्रत के महत्व का वर्णन मिलता है. इस दिन प्रातःकाल स्नान के बाद पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें. इसके बाद कलश पर भगवान विष्णु की तस्वीर भी लगाएं. एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र बनाएं, इसमें चौदह गांठें लगी होनी चाहिए. इस सूत्रो भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखें.

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अब भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की पूजा करें और ‘अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव। अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।। मंत्र का जाप करें. 14 गांठे भगवान श्री हरि के 14 लोकों की प्रतीक मानी गई हैं. अनंत चतुर्दशी पर गणेश जी का विसर्जन शुभ माना जाता है.  

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क्या है व्रत का शुभ मुहूर्त?

हिंदू पंचाग (Hindu calendar) के अनुसार इस बार चतुर्दशी तिथि 8 सितंबर को रात्रि 09:02 मिनट से शुरू होकर 9 सितंबर 06:07 मिनट पर समाप्त होगी. अनंत चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: 06:03 मिनट से शाम 06:07 मिनट तक रहेगा.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.