Ahoi Ashtami 2022: हिन्दू (Hindu) धर्म में कई सारे त्योहार मनाए जाते हैं. प्रत्यके पर्व का अपना एक अलग महत्व होता है. कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami Vrat) व्रत रखा जाता है. इस दिन माताएं अपनी संतान के कुशल भविष्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और तारा दिखने के बाद ही व्रत का पारण करती हैं.
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अहोई अष्टमी के दिन माता अहोई की पूजा-अर्चना करने अलावा कुछ ज्योतिष संबंधी उपाय करना शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि संतान प्राप्ति की कामना करने वाली महिलएं इस दिन कुछ उपाय कर सकती हैं.
1.भगवान शिव और मां पार्वती को लगाएं ये भोग-अहोई अष्टमी व्रत के दिन पूजा और व्रत का पालन करें. इसके साथ ही पूजा-अर्चना के बाद भगवान शिव और माता पार्वती को दूध भात का भोग लगाएं. फिर इसके बाद शाम को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं.
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2.चढ़ाएं सफेद फूल- इस दिन माता को पूजा के वक्त सफेद रंग का फूल अर्पित करें. मान्यता है कि इससे लाभ मिलेगा.
3.सिंदूर चढ़ाएं- अहोई अष्टमी व्रत के दिन माता अहोई की प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाएं. हिन्दू मान्यता के मुताबिक, ऐसा करने से भी संतान सुख की प्राप्ति होती है.
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4.श्रृंगार चढ़ाएं- अहोई अष्टमी व्रत के दिन मां को श्रृंगार अर्पित करें. ऐसा करने से संतान काम के क्षेत्र में सफलता हासिल होती है.
अहोई अष्टमी महत्व
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अहोई अष्टमी का व्रत दिवाली से एक आठ दिन पहले रखा जाता है. अहोई अष्टमी व्रत को महिलाएं अपने बच्चे के लिए करती हैं. इस दिन अहोई देवी की मूर्ति के साथ सेई और सई के बच्चों के चित्र की पूजा-अर्चना करने का विधान है. मान्यता है कि जिन महिलाओं के बच्चों की मृत्यु गर्भ में ही हो जाती है. वह अहोई अष्टमी व्रत करती है. तो उन्हें इसका अच्छा फल प्राप्त होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)